Saturday, December 12, 2009

मर्यादा


कहते है लोग नारी पूजी जाती है समाज में

कौन पूजता हैं इसे बस ये झूठी कहानी

सतयुग में भी सीता को वनवास था

बिना अपराध के उसे जिंदगी भर कारावास था

हर युग पुरुषो का था, ये युग भी पुरुषो का है

पर इसमे नारी खड़ी कहाँ है

कल भी और आज भी बिना अपराध के पाती सजा थी

आज भी वो दोषमुक्त कहाँ है

सतयुग में जली थी सीता अपनी पवित्रता की पहचान के लिए

अब जलती है सीता दहेज़ के लिये

पहले की सीता धुप में चलती थी

आज की सीता आग में जलती है

फ़िर भी ये दोषमुक्त कहाँ है

बनाया ये समाज नारी के लिए मर्यादा

इस मर्यादा में पुरुष-वर्ग कहाँ है ?

3 comments:

  1. sunita ji pahle to aap ka Blog Jagat me tahe Dil Se Swagat Hai ......
    aap ne kafi soch vichaar ke ye post likhi hai shayad .....
    plz visit my blog ...http://mideabahes.blogspot.com/

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  2. Prof. Anil K. Rai 'Ankit'February 23, 2010 at 10:04 PM

    Congratulations, keep it up, all the best

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