आज भी मेरे आखों मे
वो दिन ठहरे हुए से है
जब मुझे छोड़ कर तुम
यु हँस रहे थे
अकेले तन्हाई के हवाले कर
मेरी खुशिया अपने साथ ले कर
मुझे छोड़ चले गए थे
उस दिन मेरे आखों मे
मैंने दर्द छुपा कर तुमसे
एक और विदाई मागी थी
अकेले तनहा रोने का नाता जोड़
तुझसे दूर रहने की विदाई मागी थि
वो जिस दिन जाना था तुम्हे
तब कोशिश की थी कई बार
न गिरे आखों से आसू
उस मे भी आसफल हो
कर कूद को कोष रही थि
मुस्कुरा रहे थे तुम सब के साथ
देख कर मुझे अनदेखा कर रहे थे
और मेरी आखे दिल मे छुपी
दर्द बयां कर रही थी
एक पल लगा मुझे तुम्हारी नजरे दुंद रही हो मुझे
फिर मुस्कुराई थी खुद के पागलपन पे
तुम्हे युही कितने देर तक dek रह जाना
और उन पालो मे कूद के आसू को रोक पाना
मुस्किल था बहुत मेरे लिये
वो जुदाई का पल मेरे लिये देख पाना सम्बह्वा न था
मे वह से कुछ दूर बठी
तुझे विदा कर रही थि
वो पल रुक सा गया था मेरे लिये
हर कोई तुझे विदा कर रहा था
मेरे लिये वो पल बहुत कठिन था
दिल करता था तुझे एक बार फिर देख लू
फिर तुझ से मुलाकात हो या न हो
पर कदम न आगे बढ़ रहे थे नपीछे
तुम चले गए मे देखती रह गई तुम्हे
फिर एक झूटी आस लगाये बैठइ हु
आओगे फिर एक बार इस इंतजार मई
Wo Jaate Hai Laut K Aane K Liye .......
ReplyDeleteSunder Ati Sunder.....