कहते है लोग नारी पूजी जाती है समाज में
कौन पूजता हैं इसे बस ये झूठी कहानी
सतयुग में भी सीता को वनवास था
बिना अपराध के उसे जिंदगी भर कारावास था
हर युग पुरुषो का था, ये युग भी पुरुषो का है
पर इसमे नारी खड़ी कहाँ है
कल भी और आज भी बिना अपराध के पाती सजा थी
आज भी वो दोषमुक्त कहाँ है
सतयुग में जली थी सीता अपनी पवित्रता की पहचान के लिए
अब जलती है सीता दहेज़ के लिये
पहले की सीता धुप में चलती थी
आज की सीता आग में जलती है
फ़िर भी ये दोषमुक्त कहाँ है
बनाया ये समाज नारी के लिए मर्यादा
इस मर्यादा में पुरुष-वर्ग कहाँ है ?
achchi kavita hai
ReplyDeletekeep it up
sunita ji pahle to aap ka Blog Jagat me tahe Dil Se Swagat Hai ......
ReplyDeleteaap ne kafi soch vichaar ke ye post likhi hai shayad .....
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Congratulations, keep it up, all the best
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